DIABETIC FOOT PROBLEMS

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मधुमेह और पैर

भारत में लगभग 7 से 7.5 करोड़ भारतीय कैसे हैं जिनको मधुमेह है और यह एक जानलेवा बीमारी भी बन सकती है| मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो पूरे शरीर की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है| इसमें एक से अधिक अंग भी प्रभावित हो सकते हैं| यह किडनी, आंखों नसों को प्रभावित करती है| मधुमेह के बारे में तो हर कोई जानता है पर मधुमेह का पैर पर असर इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं| लंबे समय से चली आ रही मधुमेह का जब सही समय पर इलाज ना हो तो इसमें अंगविच्छेद का खतरा रहता है| मधुमेह में अधिकतर 40 से 65 की उम्र में होती है यह एक मानव का वह समय होता है जब उस पर कई जिम्मेदारियां होती हैं, उसे जीवन के लिए कुछ करना पड़ता है और ऐसे समय में यदि मरीज का अंग बिच्छेद हो जाए तो यह उसके लिए बहुत विकट परिस्थिति होगी|

पैर की समस्याएं

पैर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है पर सबसे ज्यादा नजर अंदाज किया जाने वाला अंग भी है| मधुमेह से पैर में होने वाली समस्याएं नसों का degeneration, त्वचा का रूखा होना, एडियो में दरारें हड्डियों का मुड़ना आदि है| नसों के degeneration से पैर नाजुक होने लगते हैं जिससे पैरों में जलन , सूई जैसी चुभन महसूस होने लगती है| बहुत सी बार नसों में गड़बड़ी से हाथ भी प्रभावित होते हैं | जरूरी नहीं की दोनों पैरों में समान ही तकलीफ हो, एक पैर में तकलीफ दूसरे पैर से अधिक भी हो सकती है| मधुमेह मे पैर की हड्डियां धीरे धीरे नाजुक होने लगती है वह आसानी से टूट जाती है| सामान्य व्यक्ति की हड्डी टूटने पर उससे इसका पता चल जाता है| क्योंकि यह बहुत दर्दनाक होता है पर मधुमेह से ग्रसित व्यक्ति को दर्द ना होने के कारण इसका पता नहीं चलता है| परिणाम स्वरूप चोट का पता नहीं चलता है और धीरे-धीरे पैर या तो अंगूठे से, या पैर के बीच में से खराब होने लगता है| यदि समस्या अधिक बढ़ जाती है तो पैर के टखने के जोड़े भी खराब हो जाते हैं

यह समस्या पैर में लगी चोट का पता ना चलने से होती है| नंगे पैर चलने की आदत से भी ये चोटे आम हो जाती हैं| पत्थर या कांटा चुभ जाने पर उसका पता नहीं चल पाता जिससे वह चोट धीरे-धीरे मवाद बनाने लगती है, जो पैर में आसपास के tissues को प्रभावित करती है| इससे पैर के अंगूठे काले भी पड सकते हैं जिससे गैंगरीन भी कहा जाता है| गैंगरीन एक खतरनाक रोग है समय पर जिसका समय पर उपचार होना आवश्यक है यदि इसका उपचार सही समय पर ना हुआ तो पैरों के अंगूठे काटने पड सकते हैं यदि गैंगरीन रोग बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो मरीज का पैर घुटने के नीचे तक या ये रोग अपनी चरम सीमा से अधिक हो जाए तो पैर घुटने से ऊपर तक काटना पड़ सकता है

मधुमेह से संबंधित पैर का अल्सर एक परेशानी का कारण

मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए अस्पताल में भर्ती होने का सामान्य कारण पैरों में होने वाला नासूर अल्सर है| पैरों से जुड़ी समस्याओं के उपचार के लिए अस्पतालों में भर्ती मरीजों में 40% मधुमेह वाले लोग होते हैं| और भारत में पैर के अल्सर के होने का आम कारण पैर में लगी बाहरी चोट है पश्चिमी दुनिया में यह अंदर लगी चोट की वजह से होता है| नसों के खराब व bony distortion होने से चोटों का लगना आम हो जाता है और इनका पता भी नहीं लग पाता है, क्योंकि अब चोटे दर्द रहित हो जाती है| धीरे-धीरे चोटे बड़े घाव में बदलने लगती हैं, जो कि अंगविच्छेद की या फिर एक जानलेवा स्थिति हो सकती है| चोट लगने के सामान्य कारण घर के आसपास घूमते मोटरसाइकिल की किक लगाना या नई चप्पल जूते पहनना |

विश्व में 75% अंगविच्छेद पैर के अल्सर का उपचार ना होने की वजह से होते हैं| 50% से 75% गैर दुर्घटनात्मक अंग विच्छेद मधुमेह से पीड़ित लोगों में होते हैं| किसी दुर्घटना में जीवन बचाने के लिए दिए हुए अंगविच्छेद तो ठीक हैं किंतु मधुमेह जैसी बीमारी के कारण अंग विच्छेद करना रोगी व उसके जीवन के लिए अत्यधिक दुखदायी अनुभव होता है| आंकड़े ये बताते हैंपहले के समय में पैरों की धमनियों में रुकावट के लिए कोई उपचार नहीं समझा जाता था अत: अधिकतर व्यक्ति 2 साल से अधिक जीवित नहीं रह पाते| पहले के समय में पैरों की धमनियों में रुकावट के लिए कोई चारा नहीं समझा जाता था अधिकतर मधुमेह रोगियों को इस समस्या का निदान केवल अंग विच्छेद ही बताया जाता था

निवारण

Blood glucose level पर सख्त नियंत्रण आवश्यक है| इसके बिना यह समस्या तेजी से बढ़ती ही जाएगी केवल पैरों में ही नहीं शरीर में कहीं भी| वह लोग जिनको मधुमेह हुए 10 साल से अधिक हो गए हैं ऐसे लोगों को पैरों में झनझनाहट का बंद होना, pressure points का बदलना, पैरो में pulses का बंद होना आदि की पता करने के लिए समय समय पर जांच कराते रहने चाहिए | किसी भी आघात से बचने के लिए बेहतर है की घर से बाहर नंगे पैर चलने से बचा जाए | pointed toe बाले जूते ना पहने | सूती मोजे पहनने चाहिए किसी भी प्रकार की पैरों में दरारे, छाले, बालों के झड़ने व नाखूनो का खराब होना आदि ना हो इसका मरीज के घरवालों को ध्यान रखना चाहिए| पसीने वाले पैरों में fungnal infuction बहुत जल्दी फैलता है और यह पैरों में जहां दरारें पड़ गई हो वहां पर ज्यादा होता है | त्वचा हमेशा नम रहनी चाहिए व गीली नहीं होनी चाहिए जिस तरह नवविवाहित दुलहन के चेहरे का ध्यान रखा जाता है वैसे ही मधुमेह में पैरों की देखभाल सावधानी व संभाल कर की जानी चाहिए |

उपचार के विकल्प

पहले मधुमेह में घुटने के नीचे वाले Arterial बांधा को ठीक करने का कोई उपचार उपलब्ध नहीं था इसलिए ऐसे रोगियों का इलाज करने के लिए सर्वोत्तम विकल्प अंगविच्छेद होता था, पर अब ऐसा नहीं है | पिछले दो दशकों में मधुमेह के रोगियों का arterial blockages नासूर अल्सर पैर के उंगलियों में गैंगरीन आदि अभी तक इन बीमारियों के समाधान के लिए राजस्थान में कोई peripheral vascular surgeon नहीं थे जो कि मरीजों की समस्याओं को समझे वह उनका समाधान कर सके ठीक ना होने वाला अल्सर और occluded artery के इलाज की तलाश में मरीजों को दूर-दूर तक सफर करना पड़ता था कि कोई समस्या का उचित उपचार कर अंगों का भी बचाव कर ले।