वह मरीज जिन्हें कोनिक किडनी रोग है या जिनकी किडनी खराब हो चुकी है, उनको Dialysis मैं renal replacement therapy करवाना आवश्यक होता है| किडनी के रोगों से पीड़ित लोगों के लिए Dalysis है| Dalysis दो प्रकार से होती है पहला hemodialysis
यानी blood Dalysis द्वारा और दूसरा Peritoneal Dalysis जो की पेट द्वारा किया जाता है|
Emergency hemodialysis मैं एक chatheter को गर्दन से डाला जाता है। बहुत सी बार ये पैर मे groin के तरफ की नस से भी डाला जाता है। यदि ये सब नहीं होता है तों हाथ की artery और vein के बीच एक artificial joint तैयार किया जाता है जिसे
Arterio-Venous Fistulaकहते है। Arterio-Venous Fistula के अंतर्गत कोहनी या हाथ मे artery और vein को जोड़ कर यह joint बनाया जाता है। Hemodialysis के लिए Arterio-Venous Fistula एक बहुत ही सटीक व लम्बी अवधि के लिए
बेहतर उपाय है। AVF बनने के बाद dialysis 6 से 8 सप्ताह के बाद किया जाता है 6 से 8 सप्ताह vein mature होने मे लगते है जिससे वो dialysis में बार-बार होने वाले cannulation को सह सके। AVF बनने के बाद एक रबर की सॉफ्ट बॉल से कसरत करने को
बढ़ावा दिया जाता है। Dialysis मे लगने वाले catheter लम्बे या छोटे समय तक चलने वाले हो सकते है। लम्बे समय तक चलने वाले catheter, tunnel catheter होते है जिन्हें permacath के नाम से जाना जाता है। permacath लगने के तुरंत बाद ही dialysis
शुरू किया जाता है permacath को X-ray के माध्यम से लगाया जाता है जिससे इसे दिल के पास की सही दिशा मिल सके। यह प्रक्रिया local anaesthesia के अंतर्गत की जाती है। Dialysis की अवधि Nephrologist के द्वारा तय की जाती है।
बहुत ही कम बार ऐसा होता है कि AVF और वो नसे जिनसे dialysis किया जाता है उनमें कोई समस्या आती है, इन समस्याओं में से एक समस्या है जिसे AVF stenosis कहा जाता है।ऐसी स्थिति मे blades के साथ एक खास तरह के गुब्बारे की सहायता से stenosis को फुलाया जाता है। बेहतर यही रहता है कि इस stenosis को AVF बन्द होने से पहले ही ठीक कर दिया जाए। सभी रोगी जो dialysis,AVF द्वारा करवाते है उन्हे ultrasound screening के अन्तर्गत dialysis करवाना चाहिए जिससे समस्या का समय पर पता लग सके व उसका समय पर निवारण किया जा सके।
उ. Kidneys हमारे शरीर का एक मुख्य अंग होती है, जो हमारे शरीर की गंदगी या हमारे खाने पीने से शरीर में बनने वाली गंदगी को फिल्टर करने का काम करती है। जब Kidney अपनी फिल्टर करने की क्षमता खो देते हैं इसका मतलब यह कि वे खराब हो चुकी है। जब दोनों Kidney खराब होती है तब ही kidney का पूरी तरह से खराब होना माना जाता है यदि एक Kidney खराब हो जाती है तो दूसरी सही Kidney उसके कार्य भार को सम्भालती है। हमारा बार-बार यूरीन के लिए बाथरूम जाना एक प्रक्रिया है जिसमे Kidney शरीर की गंदगी को बाहर निकलने का कार्य करती है, ठीक उसी तरह से जिस तरह खाना बनाने के बाद या कपड़े धोने के बाद हम घर को साफ करने के लिए गंदगी को घर से बाहर करते है।
Dialysis के मुख्यत उपयोग मे लिए जाने वाले तरीके है-
उ. आपके लिए कौन सा तरीका उत्तम रहेगा इसका चुनाव आपके Nephrologist द्वारा किया जाता है।
उ. Hemodialysis मे मशीन द्वारा आपके खून को साफ किया जाता है, जिससे खून मे से गंदगी को हटा कर निकाल दिया जाता है। यहा यह मशीन आपके Kidneys कार्य करती है।
उ. वेसे dialysis सप्ताह में एक से तीन बार तक किया जाता है पर इसका फैसला पूरी तरह से Nephrologist द्वारा लिया जाता है कि सप्ताह में कितनी बार dialysis किया जाए जिससे मरीज स्वस्थ रहे।
उ .Hemodialysis मे विभिन्न प्रकार के तरीके अपनाये जाते है। आपातकालीन Hemodialysis उनमे से एक है। आपातकालीन Hemodialysis मे temporary Dialysis catheter द्वारा कार्य किया जाता है, जिसमे उसे गर्दन के सीधी तरह वाली नस में या फिर collar bone के नीचे तरफ या femoral vein में groins में लगाया जाता है। यह temporary catheters होते हैं जिन्हें जल्द से जल्द निकाला जाना चाहिए। यदि dialysis मे एक सप्ताह से अधिक समय लगता है तो इन temporary Dialysis catheter को long term Dialysis catheter या permacath के साथ बदला जाना चाहिए। और मरीज को जल्द से जल्द Arterio Venous fistula (AVF or Fistula) बनवाने की सलाह देनी चाहिए।
उ . Hemodialysis निम्न प्रकार से किया जाता है:
उ. AVF बनाना एक छोटा सा surgical procedure है जो कि local anaesthesia के अंतर्गत किया जाता है।AVF बनाने के लिए forearm या elbow पर artery और suitable vein का surgically जुडाव किया जाता है। यह प्रक्रिया magnification loupes के द्वारा की जाती है और लगभग 30 से 45 मिनट में पूरी हो जाती है। यह बहुत ही कम बार ऐसा होता है कि इसे बनाने में 45 मिनट से अधिक का समय लगता है।artery और vein के जुड़ाव के दौरान vein मे खून का बहाव बढ़ जाता है जिससे vein अधिक बढ़ी व vein की दीवारें मजबूत हो जाती है इसके ही परिणाम स्वरूप vein बार-बार होने वाले punctures/ cannulations के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाती है। vein में cannulation के लिए एक महिने / 30 दिन का समय लगता है। यह समय vein को cannulation के लिए mature होने मे लगता है।
उ . Operating surgeon खून और खून से सम्बन्धित सभी जाॅंचो को देखते हैं। Fistula बनाने से पहले arterial and venous dupex की जाॅंच की जाती है। Fistula बनाने के लिए ideal size, radial artery मे 2.0mm और cephalic vein मे 2.5mm होनी चाहिए (NKF KDOQI की guidelines के अनुसार )। हमारी unit मे हम हमेशा Fistula बनाने से पहले खून की नसो की Doppler की जाॅंच करवाते है जिससे patency और maturation का पता लग जाए।
उ. Fistula से पहले हम अपने मरीज को भूखा रहने के लिए या कोई भी ऐसी दवाई जो वह प्रतिदिन लेते है, उसे लेने के लिए मना नही करते है। मरीज की दैनिक दिनचर्या जैसे नहाना, नाश्ता करना और रोजाना की दवाई को लेने को प्रोत्साहित करते है।
उ . सामान्य Artery या vein के size का छोटा होना इसका प्रमुख कारण है, अन्य कारण artery का cephalic vein के अलावा किसी और vein से जुडाव हो सकता है। cephalic vein, forearm के बाहरी तरफ होती है, यह अंगूठे के पास के base से शुरू होती है और उपर कोहनी के बाहरी हिस्से तक, उसके बाद collar bone से पहले तक जहां पर axillary vein मिलती है। पहले कई बार खून को सेंपल के रूप मे लेने के लिए vein में बार-बार किए गए puncture भी इसका एक कारण हो सकता है।
उ . Fistula के लिए 75% सफलता दर्ज की गयी है | भाग्ययवश अब यह बदल रही है, हमारे Center पर यह 95% के आसपास है |
उ. हां, और इसके बहुत से कारण हैं| अक्सर इन कारण का पता नहीं लग पाता है, इसका कारण dehydration, रक्तचाप का गिरना, जिस हाथ पर Fistula बना है उस पर शरीर का भार रखकर सोना आदि कारण हो सकते हैं| बहुत सी बार Fistula कुछ समय ठीक से काम करने के बाद खराब हो जाता है| इसका एक मुख्य कारण cephalic vein में stenosis का होना भी होता है, जो कि पहले vein में किए गए puncture के कारण हो सकता है| ऐसे ही Fistula का खराब होना कहते हैं जिसे ठीक या बचाया जा सकता है|
उ. Fistula vein cannulation का सबसे उत्तम तरीका step ladder type cannulation की जगह बदलते रहने से मरीज को दर्द हो सकता है लेकिन इस तरीके को अपनाने से Fistla लंबे समय तक अच्छी तरह कार्य करता है और इसमें।
Complications भी कम होते हैं|
इसका एक अन्य तरीका भी है, जिसमे cannulation हर बार एक ही जगह पर किया जाता है| इसमें बार बार होने वाले cannulation से मरीज को दर्द कम से कम होता है परन्तु इसके खराब होने की संभावना अधिक से अधिक बढ़ जाती है, और complications भी अधिक होते हैं|
उ. सबसे सामान जगह हाथ में जहां Fistula बनाया जाता है वह है कलाई| Fistula कोहानी की तरफ से भी बनाया जा सकता है| अधिकतर Fistula, cephalic vein में ही बनाया जाता है।
Fistula कोहनी की तरफ basilic vein मैं भी बनाया जा सकता है। यह बाजू के अंदर की तरह होती है और काफी गहरी होती है, इसलिए इसमें cannulation करने में दिक्कतें आती हैं वह समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
यह vein रोजाना dialysis करने के काम में नहीं दी जा सकती है क्योंकि हाथ की nerve व artery इस veinके नीचे से होकर गुजरती है, तो अगर इस vein में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है तो वह समस्या सीधे हाथ की
महत्वपूर्ण artery व nerves को प्रभावित कर सकती है जिससे कि अंगविच्छेद का खतरा भी बन सकता है। इसलिए बेहतर यह होता है कि cannulation से पहले इस vein को आगे की तरफ लाया जाए।
उ. AV graft एक सिंथेटिक पाइप होता है जो बार-बार Hemodialysis के लिए होने वाले को cannulation सुगम बनाने का कार्य करता है। Graft को लगाने के लिए की जाने वाली सर्जरी में Fistula से अधिक समय लगता है तथा यह सर्जरी Fistula की तुलना में
अधिक खर्चीली भी होती है
Hemodialysis मैं cannulation के लिए केवल Arterio- venous graft का ही चुनाव सर्वप्रथम हो इसकी सलाह हमारे द्वारा नहीं दी जाती है। AV graft केवल तब तक ही लगाया जाता है जबकी Fistula बनना संभव नहीं होता है।
उ. दो प्रकार के graft है जो कि मैं hemodialysis उपयोग में लिए जाते हैं
उ. Permacaths लंबी अवधि के लिए लगने वाले catheter होते हैं। एक खास प्रकार के catheter होते हैं जो कि soft silatic के बने होते हैं। यह permanent catheter नहीं होते हैं लेकिन यह अच्छा खासा वक्त हमें देते हैं जिससे हम homeodialysis access के लिए कुछ बेहतर लंबे समय के लिए क्या अच्छा रहेगा वह सोच सकें।
उ. सामान्यत इसमें infuction का खतरा रहता है। यह infuction हाथ में जहां permacath लगाया जाता है वहां या फिर खून में उत्सुकता है।
वह blood vessel जहां permacath लगा हुआ है वहां stenosis भी हो सकता है। तो इसलिए Permacath उसको लगाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि उसे दिल के सीधी तरफ वाले चेंबर में लगाया जाए
Catheter के आसपास tissue इक्कत होने से खून के बहाव समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
उ. हम हमेशा यह प्रक्रिया local anaesthesia के अंतर्गत कैथ लैब/hybrid लैब में करते हैं। प्रक्रिया में 10 से 20 मिनट का समय लगता है। हम हमेशा इस प्रक्रिया से पहले छाती की नसों का angiogram करते हैं जिससे कि हम यह सुनिश्चित करते हैं कि वहां blood vessels मैं कोई disease तो नहीं है क्योंकि इसके होने की वजह से Permacath खराब हो जाता है तथा यह दिमाग/गले से दिल की तरफ जाने वाले खून के प्रभाव में बाधा भी डालती है तो इस तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े इसके लिए हम तुरंत इन blood vessels की disease की ballon angioplasty करते हैं, जिससे कि Permacath लगाया जा सके, जिसको करने से पहले ही मरीज व मरीज के परिवार की सहमति ले ली जाती है। यह समस्या अधिक तब होती है जब पूर्व में कभी temporary homeodialysis catheter लगाई गई हो।